Boys Cries Too books and stories free download online pdf in Hindi लड़के भी रोते हैं - पार्ट 1 (5) 1.9k 4.6k 1 जीवन में एक समय ऐसा भी आया जब मैं रोना चाहता था । पर वो कहते हैं ना, लड़के नहीं रोते बे......... हाँ, सच में लड़के नहीं रोते, चाहे जेब एक भी पैसा नहीं हो बाजार से कई चीजें खरीदने को मन करे....... भयंकर भूख लगी हुई हो, पापा से पैसे मांगने का मन ना करे । लड़के तब भी नहीं रोते । सच में लड़के नहीं रोते । नहीं बे... रोते हैं, लड़के भी रोते हैं । हाँ! सही पढ़ा आपने लड़के भी रोते हैं, लड़के तब नहीं रोते जब उनका पेट खाली हो, लड़के तब नहीं रोते जब उनके कपड़े फटे हो, लड़के तब भी नहीं रोते जब वो दूसरे शहर में हो और जेब में एक धेला नहीं हो, लड़के नहीं रोते........ पता है एक उम्र के बाद लड़कों को आँसू क्यों नहीं आती, पता है एक उम्र के बाद लड़के रोना क्यों छोड़ देते हैं, क्योंकि उस उम्र के बाद दुनिया में कोई ऐसा कंधा नहीं बना जो एक लड़के के रोते हुए सर को सम्भाल सके । उस उम्र के बाद कोई ऐसा आँचल नहीं बना जो उनके आँख से निकलती आँसू को पोंछ सके । एक उम्र तक लड़के रोते हैं तब वो अपनी माँ की गोद में सर छुपा लेते हैं, माँ के आँचल में आँसू पोंछ लेते हैं । लेकिन एक उम्र के बाद जब उन्हें घर बनाने के लिए घर छोड़ कर जाना पड़ता है तब बहोत भयंकर आँसू आते हैं आँखों में, यदि लड़के उस दिन रो पड़े तो कई गंगा बन जाए उन आंसुओ से । माँएं रोती हैं उस दिन बेटे को जाता देख । पर बेटे नहीं रोते, सोचते हैं कि अगर वो ही रोने लगे तो माँ को कौन चुप कराएगा। लड़के रोना चाहते हैं, अपने दिल का दर्द कम करना चाहते हैं पर रोते नहीं । अपने आँसू पी लेते हैं । लड़के तब भी रोना चाहते हैं जब कॉलेज का फीस भरना हो लेकिन पापा के जेब की हालत पता हो; चाहे पापा को पैसे मिले हो या नहीं मिले हो काम से ! चाहे पापा के जेब में हजारों रुपये क्यों ना पड़े हो । लड़के एक बार सोचते हैं पापा से एक हजार रुपये मांगने से पहले। कहीं ये लोन की किस्त के लिए तो नहीं है, कहीं ये बहन के ट्यूशन फीस तो नहीं है, कहीं ये मम्मी के दवाई के लिए तो नही है । कहीं ये पापा ने अपने लिए नए कपड़े खरीदने के लिए तो नहीं रखा । नहीं नहीं ये नहीं हो सकता, पापा ने अपने लिए कपड़े खरीदने का सोचा हो; नहीं ये हो ही नहीं सकता । हाँ ये हो सकता है मेरे लिए नए कपड़े खरीदने के लिए रखा होगा । माना कि मुझे कॉलेज के सेमेस्टर के परिक्षा की फॉर्म भरनी है, 1 दिन बाद फॉर्म क्लोज हो जाएगा मैं परिक्षा नहीं दे पाऊंगा । एक लड़के की कहानी है:- मैं सोचकर आया था आज कॉलेज से की आज घर पर पापा से पैसे माँग लूँगा पर पर रास्ते में बस के सफर में मुझे कई बातें याद आईं- जैसे लोन जमा करना है, घर पर पैसे भेजने हैं, रूम का किराया भी देना है, बहन का ट्यूशन फीस भी देना है तो घर पहुँचते ही मेरे दिमाग से यह बात ही निकल गई कि मुझे पैसा भी मांगना है पापा से तो मैंने पैसा नहीं मांगा; घर आया तो पापा बता रहे थे कि सैलरी मिली है और इस सैलरी से मुझे यह करना है, लोन देना है, घर पर बहन के ट्यूशन में देना है, मम्मी की दवाइयां लेनी है, बहुत सारी चीजें हैं । पापा की बात सुनते ही याद आ गई की मुझे भी परीक्षा फॉर्म भरनी है अंदर से इच्छा तो बहुत हो रही थी कि बोला जाए पापा वो दो हजार रुपये चाहिए थे एक फॉर्म भरना है । पर आवाज निकल नहीं सकी मुँह से तो मैंने कुछ बोला नहीं । बाहर आया तो रोने का बड़ा मन कर रहा था । मन हो रहा था कि जैसे फ़ूट-फ़ूट कर तीन चार घंटे रोऊँ। और उपरवाले को मनभर कोसू । मन हो रहा था जैसे माँ होती तो उनके गोद में सर रखकर रोता पर वो दिखी नहीं वहाँ तो मैंने भी नहीं रोया । याद आ गया था कि लड़के नहीं रोते । ऐसा नहीं है की लड़के रोना नहीं चाहते या लड़कों को रोना नहीं आता; बचपन में हमने भी बहुत रोया है, बचपन में तो लड़कों को रोना आता था । लड़के रोते भी थे, पर एक एक उम्र के बाद शायद वो रोना भूल जाते हैं एक मध्यमवर्गीय परिवार का एक लड़का जब बीस साल का हो जाता है तो वो ये नहीं कहता की पापा एक हजार रुपये चाहिए दोस्तों के साथ पार्टी करनी है । जब लड़का इक्कीस-बाइस साल का हो जाता है तो ये नहीं बोलता की कॉलेज की फीस भरनी है पापा दस हजार रुपये दे दो । लड़के समझने लगते हैं कि अब पापा का शरीर थक रहा है, उन्हें और ज्यादा बोझ नहीं देना । तब रोना चाहते हैं लड़के...................पर.. नहीं लड़के नहीं रोते। लड़कों के पास भी फीलिंग होती है वह अपनी फीलिंग शेयर करना चाहते हैं, पर लड़कों की फीलिंग अच्छे से सुन सके आज तक कोई ऐसा कान नहीं बन सका। और दुनिया में कोई दिमाग नहीं बना जो लड़कियों की परेशानियों को समझ करके उसका हल निकाल सके । हर लड़का रोना चाहता हैं और वह बहुत अच्छे से रो भी सकता है । रोने में लड़कों का मुकाबला कोई नहीं कर सकता, एक लड़का रोने लगे वह दिन भर रो सकता है । मानो तो लड़के रोने में वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बना सकते हैं । पर लड़के रोते नहीं है वह नहीं दिखाना चाहते अपना आँसू। जब लड़के बीस साल के हो जाते हैं तो उन्हें उनकी खुशियाँ नहीं दिखती, उन्हें उनकी जिम्मेदारियों का एहसास होने लगता है । उन्हें दिखाई देने लगता है है कि अब फैमिली को देखना है, पापा की उम्र हो चुकी है, अब वह नहीं कर सकते काम । मम्मी का तबीयत खराब रहने लगा है, बड़ी बहन का उम्र हो चुका है शादी का.....! अब नौकरी लगेगी तो मम्मी ऑपरेशन करा लूँगा उनका इलाज करा लूँगा। बहन की शादी करनी है । घर बनाना है । ऐसे हजारों ख्वाबों के बोझ तले उनकी आँखे दब जाती हैं और शायद आँसू देना भूल जाती हैं । पर लड़के भी रोते हैं । ये बात अलग है कि उनके आंसुओ को कोई देख नहीं पाता। खैर........... इन्हीं कुछ बातों से लबरेज एक एक मध्यमवर्गीय लड़के किशोर की कहानी होगी आपके समक्ष.......पढ़िए ।। और हाँ......! मैं भी एक लड़का ही हूँ। - सौरभ कुमार ठाकुर › अगला प्रकरणलड़के भी रोते हैं - पार्ट 2 Download Our App अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Saurabh kumar Thakur फॉलो उपन्यास Saurabh kumar Thakur द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां कुल प्रकरण : 2 शेयर करे आपको पसंद आएंगी लड़के भी रोते हैं - पार्ट 2 द्वारा Saurabh kumar Thakur NEW REALESED Drama विद्रोह: भ्रष्टाचार और मुक्ति की एक गाथा atul nalavade Horror Stories द्रोहकाल जाग उठा शैतान - 41 Jaydeep Jhomte Horror Stories THE STORY OF SCARY DREAM COMES TRUE HARSH PAL Anything हम है राही प्यार के दिनेश कुमार कीर Thriller द सिक्स्थ सेंस... - 3 रितेश एम. भटनागर... शब्दकार Thriller ए पर्फेक्ट मर्डर - भाग 1 astha singhal Love Stories वो अनकही बातें - सेंकेड सीज़न मिसालें इश्क - भाग 21 RACHNA ROY Love Stories पागल - भाग 30 Kamini Trivedi Horror Stories भुतिया एक्स्प्रेस अनलिमिटेड कहाणीया - 29 Jaydeep Jhomte Motivational Stories सोने के कंगन - भाग - ७ Ratna Pandey